देश में 2025 का बजट हाईलाइट जाने नया टैक्स स्लैब जैसा की हम जानते है की आज हमारी वित्त मंत्री निर्मला सीता रमण ने एक अपना बजट रक्खा है जो की आज बहुत चर्चा में है हम आज बात करेंगे की आखिर इस बजट के आने के बाद आम जनता पे और उद्द्योगो पे क्या असर पड़ा है साथ ही हमें शेयर मार्किट में भी इसका अच्छा रिजल्ट देखने को मिला है जो की एक पॉजिटिव पॉइंट को बढ़ावा देता है चलिए जानते है की आज के बजट की मुख्या घोसड़ाये और विश्लेषढ
नया टैक्स स्लैब (2025)
0 से 4 लाख रूपये तक कोई टैक्स नहीं
4 से 8 लाख रूपये तक 5 फीसदी टैक्स
8 से 12 लाख रूपये तक 10 फीसदी
12 से 16 लाख रूपये तक 15 फीसदी
16 से 20 लाख रूपये तक 20 फीसदी
20 से 24 लाख रूपये तक 25 फीसदी
24 लाख से अधिक कमाई पर 30 फीसदी
पुराना टैक्स स्लैब (2024)
0 से 3 लाख रूपये तक कोई टैक्स नहीं
3 से 7 लाख रूपये तक 5 फीसदी टैक्स
7 से 10 लाख रूपये तक 10 फीसदी
10 से 12 लाख रूपये तक 15 फीसदी
12 से 15 लाख रूपये तक 20 फीसदी
15 लाख से अधिक रूपये तक 30 फीसदी

बजट क्या है इसका क्या महत्व है
देश में 2025 का बजट हाईलाइट जाने नया टैक्स स्लैब बजट एक वार्षिक वित्तीय योजना है बजट एक वार्षिक वित्तीय योजना है जो की सर्कार अपनी आय आवर व्यय का पूरा डाटा प्रस्तुत करती है और यही ये भी निर्धारित करता है की आने वाले समय में आखिर सर्कार किन उद्द्योगो में सबसे अधिक कार्य करने वाली है और उन छेत्रो में आय के दर क्या होंगे हलाकि सर्कार की इसमें राजश्व खर्चे भी शामिल होते है और हर वर्ष वित्त मंत्री द्वारा एक बजट रक्खा जाता है जिससे की आम जनता को पता चल पता है की कोनसे छेत्रो में अधिक काम हुआ है बजट देश की अर्थव्यवश्था को बनाये रखने में मदद करता है और इससे सर्कार को अपने निवेश किये गए छेत्रो के बारे में पता रहता है
बजट २०२५ की मुख्या घोसड़ाये
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2025 को संसद में वित्त वर्ष 2025-26 का केंद्रीय बजट प्रस्तुत किया।इस बजट में बहुत सी ऐसी घोसड़ाये की गयी है जो की काफी ज्यादा किफायती आवर संदर है क्यूंकि इस बार वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 500 करोड़ रूपये केवल AI यानी की आर्टिफिशल इंटेलिजेंट collage में निवेश करेंगी जो की देखने में तो लगता है की भारत भी बहुत तेजी से आगे की ओर बढ़ रहा है
कर स्लैब में बदलाव: सभी कर देने वाले लोगो को लाभ पहुचाने के लिए आयकर विभाग में सभी करो को काम कर दिया गया है जिस्मे से नई कर व्यवस्था के तहत 30% की अधिकतम कर दर अब 24 लाख से अधिक कमाने के बाद ही लगेगी आवर देखा जाये तो हमें पहले से 30%का टैक्स देने से बच सकते है
आयकर और कर टैक्स नीतिया
भारत की कर नीतिया और अर्थव्यवश्ता समय समय पे बदलती रहती है क्यूंकि अभी जल्द ही देखा गया है की सर्कार ने आर्थिक वृद्धि को प्रोत्शाहित करने के लिए आयकर में कटौती और और व्यवसायों के लिए अनुकूल उपायों की घोषणा की है आयकर और कर नीतिया भारत की भारत की एक बहुत ही बड़ी आर्थिक निति का बहुत बड़ा हिस्सा है जो की सर्कार की संग्रह का प्रोत्शाहन निर्धारित करती है
- गृह संपत्ति से आय
- व्यापार या पेशे से आय:
- वेतन से आय:
- अन्य स्रोतों से आय:
शिक्षा और स्वास्थ्य छेत्र पर प्रभाव
शिक्षा और स्वास्थ्य के विषय में एक अलग ही बजट तैययर किया गया है जिसमे से आप नीच भी देख सकते है की इस बार 2025 में सर्कार भी काफी ज्यादा अच्छे फैसले ले रही है जिससे की आम जनता को काफी ज्यादा फायदा हो रहा है और भारत में भी यदि AI जैसे एक्सपेर हो जायेंगे तो देश भी अच्छा ग्रो करेगा जिसमे से मैंने कुछ पॉइंट जो की काफी ज्यादा चर्चा में है
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) AI इंडस्ट्री में 500 करोड़ का निवेश किया गया है जिसमे नए यूथ के लोगो को AI डेवलोपमेन्ट सिखाया जायेगा और जिसके तहत तीन उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
- बजट के आवंटन में बढ़ोतरी शिक्षा छेत्र लिए के लिए 1,28,650.06 करोड़ रूपये का इन्वेस्टमेंट किया गया है जो बीते हुए पिछले वर्षो से 6.65% ज्यादा है
- आईआईटी का विस्तार:2014 के बाद स्थापित पांच आईआईटी को कुछ अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएँगी जिससे की collage में छात्रों की संख्या 6,500 तिरिक्त छात्रों को शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा और इससे काफी ज्यादा फायदा होने वाला है खासकर जो बेरोजगार है
- डिजिटल डिवाइस को बढ़ावा देना सरकारी स्कूलों में खासकर अन्य ब्रांडेड और डिजिटल डिवाइस प्रदान की जाएँगी जिससे की इस डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा दिया जा सके
GDP आर्थिक विकाश दर पे असर
- खपत और मांग: उच्च महंगाई दर के कारण उपभोक्ताओं की क्रय शक्ति कम हो जाती है, जिससे वस्तुओं और सेवाओं की मांग में कमी आ सकती है। यह GDP की वृद्धि दर को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है।
- निवेश: महंगाई की अनिश्चितता निवेशकों के लिए जोखिम बढ़ाती है। उच्च महंगाई दर के समय, निवेशक लंबी अवधि के निवेश से बच सकते हैं, जिससे पूंजी निर्माण और आर्थिक विकास धीमा हो सकता है

निष्कर्ष
जैसा की 1 फरवरी को निर्मला सीतारमण ने अपना बजट दिया है उसको देखने के बाद यही लगता है की जो भी निर्णय लिए गए है खासकर सब सही ही है क्यूंकि जो भी प्रोजेक्ट तैयार हो रहे है उनमे ज्यादा तर हमारे बच्चो और फॅमिली का ही फायदा है और ये तो सभी जानते है की टैक्स को काफी ज्यादा काम कर दिया गया है जिससे की अब मिडिल क्लास के लोग जो की इन्वेस्टमेंट नहीं कर पते थे अब वो भी अपना इन्वेस्टमेंट बिना किसी प्रॉब्लम के कर पाएंगे और इसका फायदा यही है यदि आप इसका सही उपयोग करते हो तो



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